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शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

मध्यप्रदेश के वन

विविध जंगलों सहित प्राकृतिक संसाधनों के मामले में मध्य प्रदेश भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। कुल 3.08 वर्ग किलोमीटर (अर्थात, 94,689 वर्ग किमी) में से 30.72 प्रतिशत क्षेत्र पर वन फैला हुआ है।

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. राज्य की भौगोलिक और जैविक विविधता कांटेदार जंगलों से लेकर उपोष्णकटिबंधीय पहाड़ी जंगलों जैसे 18 वन प्रकारों में परिलक्षित होती है। राज्य 9 प्राकृतिक और 11 कृषि जलवायु क्षेत्रों में बंटा हुआ है।

वनों का वर्गीकरण 

  • आरक्षित वन
  • संरक्षित वन
  • अवर्गीकृत वन
.राज्य के कुल वन क्षेत्र मे से 31098 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर आरक्षित वन फैले हुए है। संरक्षित वन 61,886 वर्ग किलोमीटर और अवर्गीकृत वन 1705 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फैले हुए हैं।


वनों का घनत्व राज्य में एक समान नहीं है। बालाघाट, मण्डला, डिण्डोरी, बैतूल, सिवनी, छिंदवाड़ा, शहडोल, हरदा, श्योपुर, सीधी जिलों में घने वन दिखाई देते हैं। राज्य के ज्यादातर वन दक्षिणी और पूर्वी इलाके में बसे हुए है, श्योपुर और पन्ना उल्लेखनीय अपवाद रहे है।
चैम्पियन एवं सेठ के वर्गीकरण के अनुसार राज्य में 18 वन प्रकार हैं, जो तीन प्रकार के वन समूह में बटे हुए है, - उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती, उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती और उष्णकटिबंधीय कंटक वन। वन आच्छादन मूल्यांकन के आधार पर राज्य के वनों में पाए जानेवाले विभिन्न प्रकार के वन समूहों के वन आच्छादन क्षेत्र का प्रतिशत के लिहाज से वितरण इस प्रकार है: -

अ.क्र. वन प्रकार समूह वन आच्छादन के प्रतिशत
1
   उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन   8.97%
2
   उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन   88.65%
3
   उष्णकटिबंधीय कंटक वन   0.26%
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.मध्य प्रदेश को 16 वन क्षेत्रीय मंडल, 9 राष्ट्रीय उद्यान और 25 अभयारण्यों में विभाजित किया गया है। वन मंडल में 63 वन प्रभाग शामिल है। प्रत्येक कृषि जलवायु क्षेत्र में एक अनुसंधान विस्तार इकाई है।
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