1.जनसंख्या
जगगणना - 2011 (हजार में)
कृषि (भूमि उपयोग)
जगगणना - 2011 (हजार में)
कुल जनसंख्या (जगगणना 2011) | 72,597,565 |
पुरुष | 37,612,920 |
स्त्री | 34,984,645 |
ग्रामीण | 52,537,899 |
नगरीय | 20,059,666 |
अनुसूचित जाति | 9,155 |
अनुसूचित जनजाति | 12,233 |
कार्यशील जनसंख्या ( जगगणना 2011) - (हजार में) | |
---|---|
कुल कार्यशील जनसंख्या | 25,794 |
मुख्य कार्यशील जनसंख्या | 19,103 |
सीमान्त कार्यशील जनसंख्या | 6,691 |
1. काश्तकार | 11,038 |
2. खेतिहर मजदूर | 7,401 |
3. पारिवारिक उद्योग में लगे कार्यशील | 1,033 |
4. अन्य कार्यशील | 6,322 |
गैर कार्यशील जनसंख्या | 34,554 |
धर्मानुसार जनसंख्या (जगगणना 2011) - (हजार में) | |
हिन्दु | 55,005 |
मुस्लिम | 3,841 |
ईसाई | 170 |
सिख | 151 |
बौद्ध | 209 |
जैन | 545 |
अन्य | 409 |
2.कृषि
कृषि (भूमि उपयोग)
(2010-2011)
|
(हजार
हेक्टर)
|
ग्रामीण
पत्रकों
में
प्रतिवेदित
क्षेत्रफल
|
23,134
|
वनों
के
अन्तर्गत
क्षेत्रफल
(हजार
वर्ग
कि.मी.)
|
94.69
|
काश्त
उपयोगी
पड़त
भूमि
|
1,108
|
कुल
पड़ती
भूमि
|
1,072
|
शुद्ध
बोया
गया
क्षेत्रफल
|
15,223
|
कुल
बोया
गया
क्षेत्रफल
|
22,149
|
द्विफसली
क्षेत्रफल
|
6,926
|
शुद्ध
सिंचित
क्षेत्रफल
|
7,140
|
कुल
सिंचित
क्षेत्रफल
|
7,421
|
कृषि
जोत (कृषि
संगणना,
2005-06)
|
|
कृषि
जोतों
की
संख्या
|
79.08
(लाख
में)
|
कृषि
जोतों
का
क्षेत्रफल
|
159.94
(लाख
हेक्टर
में)
|
कृषि
जोतों
का
औसत
आकार
|
2.2
(हेक्टर)
|
कृषि
उत्पादन
(2010-2011) (प्रा.)
|
|
लाख
मीटरिक
टन
में
|
|
खाद्यान्न
उत्पादन
|
165.49
|
सोयाबीन
|
62.81
|
समस्त
तिलहन
(सोयाबीन
सहित)
|
76.40
|
गन्ना
(गुड़
के
रूप
में)
|
1.96
|
कपास
(180 कि.ग्रा.
की
प्रत्येक
गांठ)
|
9.61
|
प्रमुख
फसलों
का
औसत
उत्पादन
(2010-2011) (प्रा.)
|
|
(किलोग्राम
प्रति
हेक्टर)
|
|
चावल
(धान)
|
1,182
|
गेहूं
|
2,073
|
ज्वार
|
1,416
|
चना
|
785
|
सोयाबीन
|
1,109
|
गन्ना
(गुड़
के
रूप
में)
|
4,069
|
कपास
|
926
|
3.विद्युत
विद्युत
(31
मार्च,
2012) (प्रा.)
अधिष्ठापित
क्षमता
(मध्यप्रदेश
का
अंश)
|
3730.5*
(मेगावाट)
|
उत्पादन
(मध्यप्रदेश
का
अंश)
|
18,345.11
(मिलियन
किलोवाट
घंटे)
|
उपभोक्ताओं
की
संख्या
|
9,633
(हजार
में)
|
विद्युत
उपभोग
|
28444
(++) (मिलियन
किलोवाट
घंटे)
|
विद्युतीकृत
ग्राम
|
37,809
(संख्या)
|
विद्युतीकृत
पंपसेट/नलकूप
|
1395
(हजार
में)
|
4.साक्षरता
साक्षर
जनसंख्या
एवं
शिक्षा
|
||
---|---|---|
साक्षरता
(प्रा.)
|
||
साक्षर
जनसंख्या
|
हजार
|
जनगणना 2011 |
कुल
|
43,827
|
|
पुरुष
|
25,848
|
|
स्त्री
|
17,979
|
|
ग्रामीण
|
28,991
|
|
नगरीय
|
14,836
|
|
शिक्षा
(प्रा.)
शैक्षणिक संस्थाओं की संख्या ( 2011-12 की स्थिति) |
||
प्राथमिक
विद्यालय
|
83,412
|
|
माध्यमिक
विद्यालय
|
29,282
|
|
उच्च/उच्चतर
माध्यमिक
विद्यालय
|
12,933
|
|
कुल
महाविद्यालय
(2011-2012)
|
428
|
|
तकनीकी
शिक्षण
संस्थाएं
(2011-2012)
|
289
|
5.उद्योग
प्रमुख
उद्योग
कच्चे
माल के
आधार
पर
राज्य
के
उद्योगों
को
निम्न
तीन
वर्गो
में
रखा जा
सकता
है।
खनिजों
पर
आधारित
उद्योग
इनके
अन्तर्गत
लोहा,
इस्पात,
सीमेंट,
भारी
विद्युत
उपकरण,
चीनी
मिट्टी,
एल्यूमिनियम,
रासायनिक
खद
निर्माण
आदि
उद्योग
हैं।
लोहा
इस्पात
उद्योग-भिलाई
में
हैं।
सीमेंट
उद्योग
कटनी,
बामोर,
कैसूर,
धार,
जावदरोड,
सतना,
जामुल,
बैकूण्ठपुर,
मांढर,
अकलतरा,
दमोह
और
रायपुर
आदि
में
हैं।
भारी
विद्युत
उपकरण
का
कारखाना
भारत
हैवी
इलेक्ट्रीकल्ज
भोपाल
में
है।
एल्यूमिनियम
उद्योग-कोरबा
में,
चीनी
मिट्टी
का
उद्योग
कुम्हारी
(दुर्ग),
विजयपुर
(गुना)
तथा
कोरबा (बिलासपुर)
में
स्थापित
है।
वनोपज
पर
आधारित
उद्योग
इनके
अन्तर्गत
कागज
उद्योग
जैसे-अखबारी
कागज
बनाने
का
कारखाना
नेपानगर
में,
साधारण
कागज
का
अमलाई
में,
करन्सी
नोट के
कागज
का
कारखाना
होशंगाबाद
में
तथा
लकड़ी
चीरने
का
उद्योग
जबलपूर,
रायपुर,
दुर्ग,
बिलासपुर,
छिंदवाड़ा
तथा
मण्डला
आदि
में
है।
नकली
रेशम
उद्योग-नागदा,
ग्वालियर,
इंदौर
आदि
में
तथा
कत्था
उद्योग
शिवपुरी,
रीवा
तथासारंगपुर
में
स्थापित
है।
कृषि
पर
आधारित
उद्योग
इसके
अन्तर्गत
वस्त्रोद्योग-इंदौर,
उज्जैन,
रतलाम,
ग्वालियर,
बुरहानपुर,
मंदसौर,
भोपाल,
जबलपुर,
देवास,
सनावद
में
हैं।
कृत्रिम
रेशम
उद्योग-नागदा,
ग्वालियर,
इंदौर,
देवास
में
है।
शक्कर
उद्योग-सीहोर,
डबरा,
महिदपुर
रोड,
दलोदा,
जावरा
तथा
बरलाई
में
है।
खाद्य
तेल
उद्योग
छत्तीसगढ़
क्षेत्र
में
स्थापित
है।
प्रदेश
में
मण्डीदीप
(रायसेन)
और
पीथमपुर
(धार)
में दो
बड़े
औद्योगिक
क्षेत्र
विकसित
हो रहे
हैं।
अन्य
उद्योग
प्रदेश
में
वृहत
उद्योग
के
अलावा
कुटीर
उद्योग
भी
बड़े
पैमाने
पर
विकसित
है।
achha nahi
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